बिगड़े हैण्डपंप सुधरे समूह के प्रयासों से

स्वसहायता समूहों की बैठक में अब सामाजिक समस्यायें व अधिकारों की खुलकर चर्चा होने लगी है। साथ ही सदस्य इन समस्याओं के समाधान तक सीधी पहुँच बनाने में भी अपनी भूमिका का निर्वाह करने लगे हैं। यह साबित किया पन्ना जिले के ग्राम मुराछ के तीन स्वसहायता समूह सदस्यों ने स्वसहायता समूह की बैठकों में बात अधिकारों से शुरु होकर वर्तमान समस्याओं तक आई तो समूह की महिलाओं ने उनके दो मुहल्लों मे पेयजल समस्या के बारे में बताया कि मुहल्लों मे दो हैंण्डपम्प हैं तथा दोनो खराब हैं क्या किया जाए ? विचार विमर्ष पष्चात् निर्णय लिया गया कि सब महिलायें एक साथ सरपंच या सचिव से मिलें । दूसरे दिन सभी महिलायें एक स्थान पर एकत्रित हुईं और सरपंच से मिलकर बताया कि - हमारे गांव में खदरी का नल और गाँव के शर्माजी के घर के सामने का नल लगभग पन्द्रह दिन से खराब है कृपया शीघ्र ठीक कराएं। सरपंच ने जब 15 महिलाओं को एक साथ इस तरह देखा तो वह हैरान रह गये और तुरन्त उसने कहा कि तीन-चार दिन के अन्दर नल सुधर जायेगा। तीन दिन भी नही हुए थे कि दोनों हैण्डपम्प सुधार दिए गये । जिससे पेयजल की समस्या दूर हुई और महिलाओं को स्वयं समस्याओं से निजात पाने का सूत्र मिल गया। ग्राम के सरपंच ने भी महिलाओं की पहल की प्रषंसा करते हुए कहा कि कई बार हम ऐसी समस्याओं को छोटी समस्या मानकर नजरअन्दाज करते रहते हैं, जबकि वे लोगों के जीवन से जुड़ी हुईं महत्वपूर्ण समस्याएं होतीं हैं। मेरे सामने जब इतनी महिलाएं एक साथ आईं और उन्होंने समस्या को रखा तो मुझे समस्या की गम्भीरता का पता लगा। अब कभी भी ऐसी समस्याओं के निपटान मे देरी नही होगी।ग्रामीणों ने भी तेजस्विनी कार्यक्रम एवं समूह की पहल को बहुत सराहा। उक्त घटना से एक बात स्पष्ट होती है कि गांवों की अधिकांष समस्याओं का हल गांव मे ही है बस जरुरत है तो समस्याओं के कारण को जानकर उसके निराकरण की दिषा मे सामूहिक पहल करने की।

सौरभ खरेलोकेषन कोआर्डिनेटरदेवेन्द्रनगर पन्ना म.प्र.

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