परिवार नियोजन - महिला का अधिकार, सदस्यों की मदद से महिला को मिला परिवार नियोजन का अधिकार

''कार्यकर्ता के समझाने पर भी उसके पति ने यह कहकर मना कर दिया कि बहनजी आप अपनी नौकरी करो, हमारे परिवार के बीच में न पड़ो।''
ग्राम गिद्खिनी विकास खण्ड निवाड़ी के बड़ी माता तेजस्विनी महिला स्व-सहायता समूह की बैठक में क्षेत्रीय कार्यकर्ता कु. ज्योति तिवारी ने परिवार नियोजन के बारे समूह में चर्चा कर उन्हें जागरूक किया। इस जानकारी को पाकर सदस्यों में भरोसे का संचार हुआ और वे इसे व्यक्तिगत जीवन में अपनाने के लिये तत्पर हो गयी।इसी प्रक्रिया में समूह की सदस्य रामरती अहिरवार ने उक्त जानकारी को अपने पति से बाँटा पर पति ने कड़े शब्दों में इंकार कर दिया । कार्यकर्ता के समझाने पर भी उसके पति ने यह कहकर मना कर दिया कि बहनजी आप अपनी नौकरी करो, हमारे परिवार के बीच में न पड़ो।बैठक में इस विषय पर चर्चा करते हुये समूह सदस्यों ने निर्णय लिया कि हम सभी महिलायें चलकर आपके पति से बात करते हैं जब सभी ने एक साथ जाकर उसके पति को समझाया तब उसको परिवार नियोजन के बारे में जानकारी हुई । तब वह स्वयं अपनी पत्नि को लेकर अस्पताल गये और परिवार नियोजन को अपनाया। साथ ही सदस्यों और कार्यकर्ता से माफी मांगी कि आप तो हमारे हित में कार्य कर रही हैं अतः हमसे जो गलती हुई है उसके लिये हम माफी चाहते हैं।इस प्रकार ग्राम गिद्खिनी के बड़ीमाता समूह की महिलाओं ने जाना कि परिवार नियोजन महिला का अधिकार है। इस पर समुदाय को जागरूक करना आवष्यक है।

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