अब सब जानेंगे समूह का महत्व

बालाघाट के ग्राम महकेपार में गठित लक्ष्मी तेजस्विनी स्वसहायता समूह में 15 सदस्य हैं इन्हीं में एक सदस्य हैं श्रीमति सावित्री बाई । ये इस समूह से प्रांरंभ से ही जुड़ी हुई हैं लेकिन पति के उग्र स्वभाव के कारण अपने पति को यह जानकारी नहीं दी और अपने भविष्य को बेहतर बनाने के उददेष्य से समूह की सदस्य बनकर अपनी बचत राशि समूह में जमा कर रही थी।दो -तीन बैठक में जब सावित्री बाई नहीं आयी और उसकी बचत राशि किसी अन्य सदस्य के हाथ नियमित आ रही थी, अन्य सदस्यों ने इसपर चिंता जा़हिर की। जानकारी लेने पर पता चला कि उसके पति को सावित्री बाई के समूह में शामिल होने की बात का पता चल गया है जिसके कारण वह प्रताड़ित कर रहा है। इसी कारण से वह समूह की बैठक में उपस्थित नही हो पा रही थी। समूह में विस्तृत चर्चा के बाद सभी सदस्यों ने तय किया कि वे उसके पति से इस बारे में बात करेंगे। सावित्री बाई जब अगली बैठक में आई तो उसका पति उसका पता लगाते हुये समूह की बैठक में आया उस समय समूह की बैठक चालु हो चुकी थी उसके पति लक्ष्मी चंद ने सभी महिलाओं को एक साथ बैठे देखा तो गुस्से से भर गया। तब सदस्यों ने उसे भी बैठक में बिठाकर समूह बनाने के कारण व फायदे बताये । पूरी बात सुनकर उसे अपनी गल्ती का अहसास हुआ।

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