तेजस्विनी कार्यक्रम के अंतर्गत बनने वाले समूह अपने सदस्यों को कितना लाभ दे रहे हैं इसकी मिसाल बना परसाटोला क्लस्टर के ग्राम हिरापुर में बना भागरती स्वसहायता समूह।
गोंड बाहुल्य ग्राम में भागरती समूह को बनाया है बैहर नारी उत्थान नामक संस्था ने। गरीबी, संसाधनों की कमी व अषिक्षा की कमी से जूझते गांव में एक निवासी है अनुपा उइके जो कि नेत्रहीन है। इस वजह से वह गांव में उपेक्षा का कारण होती थी ।स्वसहायता समूह गठन की प्रक्रिया के दौरान उसने स्वसहायता समूह से जुड़ने की इच्छा प्रकट की ,उसकी जरूरत को समझते हुये सदस्यों ने समूह में शामिल किया । आज अनुपा अपने समूह में खुश है व अन्य सदस्यों की भाँति ही वह समूह की संचालन प्रक्रिया में भाग लेती है।आज वह कहती हैं कि - समूह ने इसे जीवन जीने का उद्देष्य प्रदान किया हैं। समूह ही इसकी आंखे हैं, मैं समूह के माध्यम से लोगों की चर्चा सुनकर अपने ग्राम में चल रही गतिविधियों को अपनी अंधेरी दुनिया में देखती हूँ। मुझे समूह के माध्यम से बैठक में नयी-नयी जानकारियां प्राप्त होती हैं और अब मैं इन सब विषयों पर अपने विचार भी रख पाती हूँ। इस समूह को बनाने वाली मोबलाइजर सुषमा नेताम कहती है कि समूह में शामिल होने से अनुपा में बहुत आत्मविष्वास आया है । आज वह समूह को ही अपनी आँखे मानने लगी है। अनुपा की इच्छा है कि वह समूह के माध्यम से ऐसी आय अर्जक गतिविधि से जुड़ जाये ताकि वह भविष्य में आत्मनिर्भर हो सके। समूह सदस्य भी अनुपा में आ रहे परिवर्तन से काफी खुश है।
No comments:
Post a Comment