तेजस्विनी कार्यक्रम के अंतर्गत 8 सितंबर विश्व साक्षरता दिवस को महिला शिक्षा जागरूकता दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर शिक्षा जागरूकता बढ़ाने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य स्वसहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं व अन्य ग्रामीण महिलाओं को साक्षरता के प्रति जागरूक करना था । इस अवसर पर तेजस्विनी कार्यक्रम के समूहों से जुड़ी सवा लाख महिलाओं ने संपूर्ण साक्षरता हासिल करने की शपथ ली और इसके साथ ही वे यह भी प्रण लिया कि आज के बाद उनके ग्रामों में कोई भी बालिका स्कूल जाने से नहीं रोकी जायेगी। जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से स्वसहायता समूह सदस्यों को जागरूक किया गया वहीं दूसरी ओर ग्रामों में महिला साक्षरता व सशक्तिकरण की जरूरत को भी प्रचारित किया गया। तेजस्विनी कार्यक्रम में साक्षरता के साथ साथ क्रियागत साक्षरता (Functional Literacy) पर जोर दिया जा रहा है। क्रियागत साक्षरता के माध्यम से ग्रामीण महिलायें सेवाओं और संसाधनों तक अपनी पहुँच बनाने में सफल होंगी ऐसी कार्यक्रम की सोच है।
छः जिलों की सवा लाख गरीब महिलाओं ने शपथ ली हर हाल में शिक्षित होने की
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2 comments:
वाह !! अच्छी खबर है !!
Bahut badhiya khabar sunaee.
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