तेजस्विनी समूहों के माध्यम से महिलाओं के व्यवहार में परिवर्तन आने के साथ साथ अब वे अपने स्वयं के बल पर परिवर्तन का बीडा भी उठाने लगी हैं, समूह सदस्यों में जहाँ एक और अपने सरोकारों को लेकर जागरूकता आयी है वहीँ वे अब सामाजिक सरोकारों के मामले में भी पहल करने लगी हैं, जिला कार्यक्रम प्रबंधक कार्यालय से प्राप्त सफलताओं की इन दो सफल गाथाओं को ही देखें-
यह बात है नैगुवा लोकेशन के ग्राम गोराखास में महात्मा गांधी स्वसहायता समूह की है। इस समूह में वंशकार अहिरवार समाज की महिलायें शामिल हैं। समूह का गठन माह दिसम्बर में हुआ था। जिसमें कुल 20 महिलायें हैं। इस समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति अत्यन्त खराब है। फिर भी यह 5 रू. प्रति सप्ताह के हिसाब से अपनी नियमित बचत जमा कर रही हैं। अभी समूह की बचत 1200 रू के लगभग एकत्र हो पायी थी कि समूह में लेनदेन के बारे में चर्चा चल रही थी। उसी समय समूह की सदस्य भगवती देवी जिसके पास आर्थिक तंगी के कारण घर का खर्च चलाने में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है । उसके मन में बिचार आया कि यदि समूह से कुछ राशि उधार लेकर साइकिल मरम्मत की दुकान खोल ली जाय तो कुछ आमदनी होने लगेगी इसके लिये उसने समूह में 1000 रू. उधार लेने के लिये अपना प्रस्ताव रखा जिस पर समूह सदस्यों नें बिचार करने के बाद अगले सप्ताह उसे 1000 रू. 10 सप्ताह के लिये समान किस्त पर ऋण उपलब्ध करा दिया जिससे उसने साइकिल मरम्मत की दुकान खोल ली और काम शुरू कर दिया जिससे अभी शुरुआत में 20 से 25 रू प्रतिदिन की आमदनी होने लगी है और भगवती बाई के साथ समूह सदस्य सभी खुश हैं ।
ब्रजेश सिंह
लोकेशन समन्वयक - नैगुवां जिला - टीकमगढ़
यह बात है मड़िया लोकेशन के ग्राम कछियाखेरा की, यहां पर मार्च के प्रथम सप्ताह में शारदा स्वसहायता समूह की बैठक सुबह 8 बजे प्रारंभ हुई थी । इसी बैठक में उस दिन लोकेशन समन्बयक सुनील रावत मौके पर पहुंच गये बैठक में चार महिलायें उस समय उपस्थित नहीं थीं । इसका कारण जब समूह की महिलाओं से जाना गया तो उन्होंने बताया कि कि हमारे खिरक (परदेबारा) में बच्चों को छोटी माता निकली हैं जिसमें बुखार के साथ लगातार खांसी आ रही है बच्चे खाना भी नहीं खा रहे हैं जिससे समूह की महिलायें समूह की बैठक में नहीं आ सकीं । इस पर सुनील रावत द्वारा बताया गया कि यह खसरा का रोग है तथा इसके बारे में विस्तार से बताया तथा समूह ने उसी समय प्रेस बिज्ञप्ति तैयार की तथा इस बिज्ञप्ति को नई दुनिया प्रेस में दिया गया । जिसके प्रकाशित होते ही सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र पृथ्वीपुर की पूरी टीम गांव में पहुंची जो जाकर सबसे पहले समूह की सदस्यों से मिली इसके बाद समूह के सदस्यों के सहयोग से पूरे गांव के सभी पीड़ित बच्चों का इलाज किया गया। इस घटना के बाद गांव की सभी महिलाओं को प्रेरणा मिली तथा समूह का महत्व समझ में आ गया।
सुनील रावत
लोकेशन समन्वयक - मड़िया,जिला - टीकमगढ़
(इस तरह की सफलता की कहानियों को अपने लोकेशन स्टाफ के साथ जरूर बांटे जो होंसला बढ़ने के साथ साथ नया रास्ता भी दिखाती हैं । इन कहानियों को सभी के साथ बांटने के लिए जिला कार्यालय को धन्यवाद और बधाई )
2 comments:
आमीन ..!!
स्वागत है ..!!
Dear Suneel ji & Brajesh ji
Good facilitation with SHG Members. Try to find out Tejaswini Goal.
DPMU Tejaswini Chhatarpur
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