जिला डिंडौरी के जिला कार्यालय, एनजीओ व लाइन विभागों के समन्वय से समूहों में जहाँ एक ओर ऊर्जा का संचार हुआ है वहीं दूसरी ओर महिला सशक्तिकरण के लिये शासकीय व गैर शासकीय संस्थाओं के सहयोग ने मिसाल रखी है।अपने भैागौलिक व सामाजिक आर्थिक तथ्यों के आधार पर पिछडे़ जिले डिंडौरी जिले में तेजस्विनी कार्यक्रम 09 लोकेशनों के माध्यम से संचालित हो रहा है। माह जून तक यहाँ कुल 1685 समूहों का निर्माण किया जा चुका है जिनमें कुल 20909महिलाओं को शामिल किया जा चुका है। अब आगे लक्ष्य है इन समूहों को और अधिक सशक्त करना, विभिन्न विभागों की योजनाओं का लाभ दिलाना और ग्राम पंचायत में इनकी भागीदारी सुनिश्चित करना।
जिला कार्यालय की रणनीति के अनुसार ग्राम स्तर पर ही प्रयास करके इन समूहों को उनके लक्ष्य तक पहुँचने में मदद की जाना तय हुआ। सर्वप्रथम प्रयास किया गया कि एक ग्राम के सारे समूह एक साथ अपनी बैठकें करें और उनमें आपसी समझ बने, जो कि भविष्य में VLC बनाये जाने की दिशा में एक कदम है। कड़े प्रयासों के बाद मिली इसी सफलता का परिणाम है कि लगभग 7323 गरीब ग्रामीण महिलायें आपस में मिल बैठ रहीं हैं और अपने सुख दुख बाँटने के साथ-साथ आगे बढ़ने का साझा रास्ता तलाश रहीं हैं। इन ग्राम बैठकों को तेजस्विनी के 86 में से 38 क्लस्टरों में सफलता पूर्वक संचालित किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में अभी सिर्फ 282 समूह निरंतर भाग ले रहे हैं। आगे यह प्रक्रिया सभी तेजस्विनी समूहों के साथ की जायेगी।
इन बैठकों में मोबलाइजरों व समन्वयकों के माध्यम से समूहों को प्रबंधन व महिला मुददों पर जागरूक किया जा रहा है। इन बैठकों की चर्चाओं में महिला हिंसा, महिलाओं की समाज में स्थिति, पारिवारिक समस्यायें, व्यक्तिगत स्वास्थ्य आदि महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं।
जब समूहों को इन बैठकों का अधिकाधिक लाभ दिलाने , जिला कार्यालय व फील्ड एनजीओस ने रणनीति के तहत इन बैठकों में अन्य विभागों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करना प्रारंभ कर दिया, जिसे इन विभागों ने सहर्ष स्वीकार किया। इससे समूहों की बैठकों में जहाँ अधिक ऊर्जा का संचार हुआ वहीं दूसरी ओर अन्य विभागों से भी बेहतरीन समन्वय स्थापित हुआ। आज इन बैठकों में संपूर्ण स्वच्छता अभियान, उदयानिकी, कृषि, एस.जे.एस.वाई, वन, स्वास्थ्य, शिक्षा ,ग्रामीण विकास, पंचायत, रोजगार गारंटी योजना, जन अभियान परिषद आदि के प्रतिनिधि भाग लेकर अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं।इन बैठकों के माध्यम से जमीनी स्तर पर निम्न त्वरित लाभ दिखाई देने लगे हैं -
-ग्रामों में तेजस्विनी समूहों का आभा मंडल बन रहा है जो कि उनके लिये अनुकूल वातावरण तैयार करेगा।
-अन्य ग्रामीण भी इन बैठकों के माध्यम से महिला मुददों के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
-ग्राम पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी सुनिष्चित किया जाने के लिये वातावरण निर्मित होना प्रारंभ हो गया है।
-समूह ग्रामों में दवाव समूहों के रूप में विकसित हो रहे हैं ताकि संसाधनों में उनकी भागीदारी हो सके।
-समूह सदस्यों में सीधे तैार पर स्वाभाविक नेतृत्व व क्षमता विकास
-समूहों का सशक्तिकरण तय हो रहा है।
यह प्रयोग आप भी अपने क्षेत्रों में कर सकते हैं ताकि समूह सदस्यों को अधिकाधिक लाभ प्राप्त हो। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिये जिला कार्यक्रम प्रबंधक डिंडौरी, से संपर्क किया जा सकता है उनका नंबर 9424918211 है।
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