बीडी छोड़ बचत की ओर.........

तेजस्विनी कार्यक्रम का मुख्य पहलू महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक न्याय समानता की प्राप्ति के लिए कार्यक्रम से जुड़ी महिलाओं को समय समय पर सामाजिक मुद्दों बुराइयों, भ्रांतियों व शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में प्रशिक्षित किया जाता रहा है। इससे प्रभावित होकर ग्राम चैका-कोड की सुमंत्रा का तो जीवन ही बदल गया ।
गाँव में सुमंत्रा जब तब लोगो की चर्चा का विषय बन जाया करती थी। विशेष रूप से तब जब कोई बाहर से आकर महिलाओं के विकास और परिवर्तन की बातें और प्रयास करता। लोग, जिनमें महिलायें और पुरूष दोनों ही शामिल रहते ये कहते कभी न थकते कि हमारे गांव में और कोई नई रीति चले न चले लेकिन जो रीति सुमंत्रा अहिरवार ने चालू की है उसका कोई सानी नहीं। उनके कहने में भारी व्यग्ंय झलकता और वे यह कहते-कहते हंस पडते। सुमंत्रा की यह पहचान उसके बीड़ी पीने से हुई थी एक बैठक में वह बीड़ी का एक बंडल पी जाया करती थी। इस बात से उसको कोई लेनादेना नहीं रहता था कि उसके इस तरह से बीड़ी पीने से उसके क्या-क्या नुकसान उठाने पड रहे हैं ।तेजस्विनी कार्यक्रम की मोबलाइजर ने सुमंत्रा से मिलकर उसे समझाने का निश्चिय करके उसके घर की ओर चल दी । सुमंत्रा से मिली तब वह बीड़ी पी रही थी । मोबलाइजर ने सुमंत्रा को अपनी परिचय देकर समझाते हुये पूछा -
मोब.- क्या आप बहुत बीडी पीती हो..........?
सुमंत्रा- हां पीती हूं तुम्हे इससे क्या..........
मोब.- आप बीडी पीती हो तो क्या इसके लाभ हानि जानती हो ?
सुमंत्रा-अब इसमें लाभ और हानि किस बात का
मोब.- देखो एक तो इतनी मेहनत से कमाये गये रूपये बर्बाद होते है दूसरा नुकसान है कि मुंह से बदबू आती है तीसरा नुकसान यह है कि बीड़ी पीने से खांसी आती है चैथा नुकसान फेफडे खराब होते है और सबसे बडा नुकसान यह है कि कैंसर हो जाता है, और लोग पीठ पीछे हंसी उड़ाते हैं वह अलग।
सुमंत्रा-कहती तो तुम सही हो लेकिन आदत पड़ गई है अब तो ऊपर जाकर ही छूटेगी।
मोब.- ऐसा नहीं है आप चाहो तो आपकी यह आदत छूट सकती है। लोग बड़ी-बड़ी खराब आदतें छोड़ देते है और अपना बिखरा जीवन संवार लेते है, सोचिये आप यदि जिन रूपयों से बीड़ी पीती है उनकी बचत करने लगे तो कितना रूपया जुड सकता है। वह आपकी जरूरतों को पूरा करेगा और आपके बच्चों के भी काम आयेगा। आप चाहों तो आपके मोहल्ले में जो समूह बन रहा है उसमें जुड़ जाओ।
सुमंत्रा- समूह से क्या लाभ होगा...........
मोब.- पहला लाभ तो यह होगा कि जो लोग आपकी हंसी उडाते है वह आपकी साथी सहेली बन जायगीं। इसके अलावा कभी भी जरूरत पडने पर समूह की बचत से आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल जायेगा, बैठको में आपको नई-नई योजनाओं की जानकारी मिलेगी अच्छी आदतें बनाने और बुरी आदतें छोडने के लिये सहेलियों से हिम्मत और मनोबल मिलेगा, आपके द्वारा तय किये गये काम का प्रशिक्षण और उसके लिये बैंक द्वारा सस्ती ब्याज दर पर राशि उपलब्ध करवाई जायेगी। अब बताओ कि फायदा है कि नहीं।
सुमंत्रा-हां, दीदी फायदा है हमें भी समूह में जुड़ना है।
इस तरह से सर्वसम्मति से सुमंत्रा अहिरवार एकता समूह में सदस्य बन गई और धीरे-धीरे उन्होंने अपनी बीड़ी की आदत को बिलकुल छोड़ दिया। आज सुमंत्रा बहुत खुश है, कहती है अब मेरी तबियत भी ठीक है और मेरे पास पैसे भी रहने लगे हैं।
बधाई बमीठा लोकेशन सेंटर के कम्युनिटी मोबलाईजर सुमंत्री अहिरवार और लोकेशन समन्वयक श्री मनोज जैन को जिनका प्रयास सफल रहा ।
मनोज नायक
जिला कार्यक्रम प्रबंधक छतरपुर

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