समूह की मदद से हर बच्चे ने पी दो बूँद जिंदगी की

ग्राम रमपुरी अमरपुर लोकेशन का बाहुल्य आदिवासी ग्राम है। महिलाओं की संख्या अधिक होने के बाद भी ज्यादातर महिलाएं अशिक्षित हैं। तेजस्विनी कार्यक्रम के अंतर्गत इस ग्राम में 7 स्वसहायता समूह बनाये गये हैं। जिसमें बड़ी ही एकता है। पिछले कई सालों से गांव में पल्स पोलियो अभियान का आयोजन होता चला आ रहा है। लेकिन जानकारी न होने के अभाव में ग्राम के सभी बच्चे इसका लाभ नहीं ले पाते थे। जब भी टीकाकरण दिवस होता तब महिलाओं को जानकारी न होने के कारण वे सुबह से घर का काम करने के पश्चात खेत या कहीं और मजदूरी में निकल जाती थीं। जो महिलाएं घर में होती है वे भी जागरूक न होने के कारण अपने बच्चों को दवा नहीं पिला पाती थीं। इसका लाभ सिर्फ वे महिलाये ही ले पाती थी जो कि केन्द्र के आसपास होती थी या कि कार्यकर्ताओं के कहने पर मानकर अपने बच्चों को केन्द्र लाती थीं। सबसे अधिक बच्चे उन परिवारों के छूट जाते थे जो कि या तो अपनी माँ के साथ काम पर चले जाते थे या कि दूर किसी टोले में रहते थे। इन परिवारों तक पल्स पोलियो दिवस की जानकारी भी नहीं पहुँच पाती थी। स्वसहायता समूहों की बैठक में जब इस समस्या पर चर्चा की गयी तो महिलाओं ने इस समस्या से निपटने का बीड़ा उठाया। उन्होंने संकल्प लिया कि अब इस गांव का हर बच्चा पोलियो की ड्राप पियेगा। इसके लिये समूहों ने बाकायदा एक रणनीति बनाई और सभी समूहों ने आपस में मिलकर काम करने का विचार किया। सभी स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने इस बार तय किया कि अब जब भी पोलियों ड्राप पिलाने का दिवस आयेगा , हम सभी मिलकर गांव के सभी बच्चों को लाकर दवा पिलवाएं एवं अपने गांव के बच्चों को पोलियो से बचाएंगे। 21 दिसंबर तय कार्यक्रम के तहत सभी महिलाये सुबह ही अपने अपने घरों से निकल गयी और सभी के घर जाकर उन्हें इसके बारे में जानकारी दी और हर बच्चे को केन्द्र ले जाकर या कार्यकर्ताओं को घर ले जाकर पोलियो की दवा पिलाई। कर्यकर्ताओं का कहना था कि इन समूहों की मदद से आज हमने पूरे गांव के बच्चों को पोलियो दवा पिलाने का लक्ष्य प्राप्त किया । समूह सदस्य यह सोचकर गदगद हैं कि अब उनके गांव में कोई भी बच्चा पोलियोग्रस्त नहीं होगा।
निशा तेकाम,
क्लस्टर किसलपुरी,
लोकेशन- अमरपुर

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