तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम, म.प्र.

तेजस्विनी का अर्थ है तेज अथवा कान्ति युक्त व उज्ज्वलता फैलाने वाली । तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम का उद्देश्य गरीब महिलाओं को अपनी बेहतरी के लिए विभिन्न आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक अवसरों का भरपूर उपयोग करने के लिए सशक्त करना है तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम मध्यप्रदेश शासन की महिला नीति तथा देश के स्वसहायता समूहों के अनुभवों पर आधारित है ।
तेजस्विनी कार्यक्रम के चार पहलू निम्नानुसार हैं -
· मजबूत और निरंतरता वाले स्वसहायता समूहों तथा उनकी शीर्ष संस्थाओं का विकास ।
· इन संस्थाओं को सूक्ष्म वित्त से जोड़ना ।
· समूहों के लिए नए और बेहतर आजीविका विकास के अवसर बनाना तथा उनका उपयोग करने के लिए सशक्त करना ।
· इन समूहों के माध्यम से महिलाओं को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सक्षम बनाना, उनकी कड़ी मजदूरी में कमी लाना तथा पंचायत राज में भागीदारी के लिए सशक्त करना।
तेजस्विनी कार्यक्रम मध्यप्रदेश के छः जिलों में लागू किया गया है इन जिलों के नाम और उनके चयन का आधार निम्नानुसार है -
अ - पन्ना, छतरपुर, एवं टीकमगढ़ :- महिलाओं की स्थिति में असमानता होने के कारण
ब - डिंडौरी, मंडला, बालाघाट :- आदिवासी बाहुल्य होने के कारण
कार्यक्रम के मुख्य घटक निम्न हैं :-
(क) सामुदायिक संस्था विकास -
कार्यक्रम में 12000 स्वसहायता समूहों के निर्माण और विकास की गतिविधियाँ जारी हैं । स्वसहायता समूहों की नियमित बैठकें और आपसी लेनदेन इस प्रक्रिया का महत्त्वपूर्ण अंग है ।
-स्वसहायता समूहों से मांग के अनुरूप शीर्ष संस्थाओं का भी विकास किया जायेगा । साथ ही ग्राम स्तरीय समितियों का भी विकास किया जायेगा, जो स्थानीय स्तर पर योजना, शासन प्रणाली और महिला सशक्तिकरण सम्बन्धी बिन्दुओं पर कार्यशील होगी ।
-कार्यक्रम के तहत 150 से 200 स्वसहायता समूहों पर एक लोकशन ऑफिस बनाया गया है जो समूहों के सुद्रधिकरण, आपसी लेनदेन, बैंकों से सुविधाएं उपलब्ध कराने समूहों को आजीविका की क्षमताओं का विकास करने तथा सामाजिक विकास की विभिन्न गतिविधियों में प्रशिक्षण व सहायता प्रदान कर रहा है । प्रत्येक लोकेशन ऑफिस पर एक लोकेशन समन्वयक, एक कम्युनिटी लेखापाल व 8-10 कम्युनिटी मोब्लाइजर्स की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है. ।
(ख) सूक्ष्म वित्त सेवायें -
सुक्ष्म वित्त सेवायें कार्यक्रम का महत्त्वपूर्ण घटक हैं । इस घटक के अंतर्गत स्वसहायता समूहों को आंतरिक लेनदेन के लिए प्रशिक्षित कर सुदृढ़ किया जायेगा । तदोपरांत स्वसहायता समूहों को बैंकों के साथ सूक्ष्म वित्त सेवायें की गतिविधियों से सम्बद्ध किया जायेगा । कार्यक्रम में समूह एवं फेडरेशन के सदस्यों को वित्त सम्बन्धी प्रशिक्षण प्रदान किए जायेंगे । सूक्ष्म वित्त सेवाओं को अधिक सक्रिय बनाने के लिए बैंकर्स का प्रशिक्षण उन्मुखीकरण आदि कार्यक्रम प्रस्तावित है ।
(ग) आजीविका एवं विकास -
तेजस्विनी कार्यक्रम के तहत स्वसहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए आजीविका के अवसर बढ़ाने के लिए प्रयास किए जायेंगे । महिलाओं को आजीविका सम्बन्धी प्रशिक्षण दिए जायेंगे । इसके साथ ही स्वसहायता समूहों की महिलाओं का उद्यमीय विकास किया जायेगा व उन्हें बाजार के अवसरों का लाभ लेने के लिए सशक्त किया जायेगा ।
(घ) महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक न्याय/समानता -
इस घटक के तहत जेंडर के सम्बन्ध में सुग्राहता का कार्य किया जायेगा । विभिन्न स्तर के शासकीय सेवकों तथा ग्राम पंचायतो के सदस्यों, विशेषकर पुरुषों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए वातावरण का निर्माण किया जायेगा । रेडियो और टेलिविज़न के माध्यम से कार्यक्रम भी प्रसारित किए जायेंगे । महिलाओं की कड़ी मजदूरी में कमी लाने का भी प्रयास किया जायेगा । स्वास्थ्य तथा पंचायत सम्बन्धी प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं की क्षमताओं का विकास किया जावेगा ।
मध्यप्रदेश महिला वित्त एवं विकास निगम द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (International fund for Agriculture Development , IFAD) सहायित परियोजना का क्रियान्वयन जुलाई 2007 से किया जा रहा है । इस परियोजना की लागत 161.59 करोड़ है. परियोजना की अवधि 08 वर्ष है ।